मेहनती बाबू ...
![Image](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiTCAAy0sMTQa1IsEZTScRUfqdhNN41LjRUH8nybhC7fAieAbWdDfi_ZW6vPcwznn5QvFsWWeZ2i6GP54q2uZ1ZEJhXUXK9yVpUbIhistnGfJT8CqhMJTQD85tt8bq6ZyrI__vUbFUJOl0/s640/YesSir27-H.jpg)
कुछ कही और बहुत कुछ अनकही...कुछ सुनी और बहुत कुछ अनसुनी...जीवन की गाड़ी कुछ स्टेशनों पर रूकती और बहुत से स्टेशनों को छोड़ते हुए ...चली जा रही है जैसे अपनी मंजिल पर रुक के ही दम लेगी...इस यात्रा का भाग बनिए और लघु कथाओं और व्यंगचित्रों का आनंद लीजिये ... इस स्टेशन पर बस कुछ ही पल रुकना है...जब जी चाहे ...