सोशल मीडिया ग्रसित दोस्त - Enjoy
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अब मित्रों और रिश्तेदारों से मिलने के तरीके थोड़े बदल से गए है / नोटिस किया आपने? पहले बिना किसी तकल्लुफ के मित्रों से मिला करते थे, खाली हाथ या हाथ में बोतल, कुछ कागज, कुछ किस्से, कुछ आपबीती और कुछ जग बीती ...अब भी ये सब कुछ कुछ होता है पर कुछ स्टाइल से ...अब फोटो कुछ ऐसा जरूरी हो गया है कि उसके बिना मिलना बेकार ...फोटू खिचे और सोशल मीडिया पर ना आये तो कुछ अधूरा सा लगता लगता है/ है ना / मिलने में थोडा सा नकली आडम्बर जरूर आया हो परन्तु उसमे एक फायेदा भी हुआ है/ हमारे पास अपने मित्रों के पुराने फोटो बिलकुल नहीं के बराबर है क्यों कि उस समय फोटो खीचना और उनको संभालना उतना ही कठिन था/ परन्तु अब हमारे पास अपने मित्रों की ढेर सारी फोटो स्मृतियाँ मौजूद है / जब हम बुजुर्ग होंगे तो अपने प्रियजनों की ढेर सारी स्मृतियाँ हमारे साथ होंगी /