- बेटा, कहाँ ले आया तू मुझे..., अमेरिका में - बाबू जी, आराम से रहिये यहां.. - बेटा, ठीक कहता है सब कुछ तो है यहां...पर तू ही नहीं होता है...हमेशा बिजी...अच्छा चल एक काम कर.... मुझे एक लूडो ला दे... 🤔 - बाबू जी...लूडो...आप खेलेंगे... 😀 चलो देखता हूँ अगले दिन, शाम को - - बाबू जी, देखो लूडो आपके लिए... - कहाँ है बेटा, ये तो लूडो नहीं है...ये तो तेरे टैबलेट सा दिखे है - हाँ, बाबू जी, मैंने लूडो का ऐप्प लोड कर दिया है...आपको बताता हूँ कैसे खेलना है.. - अरे वाह, ये तो बिल्कुल, लूडो जैसा ही है.. ला पांसा (Dise) और गोटी भी ले आ... 🎲 - अरे नहीं बाबू जी, सब इसी में है। इस बटन को दबाइये, पाँसा दिखेगा और जिस गोटी को दबाएंगे वो ही चल देगी... - बहुत अच्छा है बेटा ये तो..चल अब दोनों खेलते है। -नहीं बाऊजी, इसे तो आप और ये टैबलेट ही खेलेंगे... - बाबू जी बुदबुदाए, बेटा लूडो तो बहाना था साथ बैठने का तेरे साथ... ...खैर… -संतुलन चौबे (Subscribe to @kahiankahi24 if you like the short stories, cartoons and sheo-o-shayari)